अक्षर
A SANSKRIT LITERATURE AND CULTURE BLOG
Monday, August 1, 2016
स्वप्न
सृजन का
हर सपना
साकार होता है।
स्वप्न
यथार्थ में
आकार लेता है।
बस स्वप्नद्रष्टा
होना चाहिए।
हर सपना
सच होगा
बस सच्चा
प्रणेता चाहिए।।
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