Monday, August 1, 2016

हथकरघा

करघे पर
एक-एक सूत
जोड़ती उँगलियाँ।
केवल
कपड़े नहीं बुनतीं
कपड़ों के साथ
स्नेह भी बुनती हैं।

स्वप्न

 सृजन का
हर सपना
साकार होता है।
स्वप्न
यथार्थ में
आकार लेता है।
बस स्वप्नद्रष्टा
होना चाहिए।
हर सपना
सच होगा
बस सच्चा
प्रणेता चाहिए।।